रविवार, 24 फ़रवरी 2008

थमी नहीं उड़ान...

हादसे ने मनोज को तीन माह की नींद में सुला दिया. जब जागा तो आधी देह जवाब दे चुकी थी. मगर उड़ान थमी नहीं और आखिर जीत ही ली जिंदगी की जंग.

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