रविवार, 24 फ़रवरी 2008

हुनर की सरगम, भूली सारे गम...

राजस्थानी संगीत पर थिरकती श्वेता खुद उस संगीत को सुन पाने में अक्षम है। फिर भी वो एक उम्दा कलाकार की तरह स्टेज पर शानदार प्रस्तुति देती है।

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