बुधवार, 15 अप्रैल 2009

खुशियों के नहीं होते पांव

लंदन. यह पांच साल की ऐली चैलिस है। इसे कार्बन फाइबर से बने फ्लेक्सिबल पांव लगाए गए हैं। पूर्वी इंग्लैंड के एसेक्स में रहने वाली ऐली जब 16 माह की थी तो उसे दिमागी बुखार (मैनिनजाइटिस) हो गया। इस बीमारी के बाद उसकी जान तो बचा ली गई, लेकिन हाथ और घुटनों के नीचे से पांव काटने पड़े। उसे शुरुआत में प्रोस्थेटिक हाथ और पैर लगाए गए, लेकिन ये इतने तकलीफदेह थे कि वह इन्हें दिनभर में महज 20 मिनट ही लगाकर रख सकती थी। इन फ्लेक्स-रन फीट से वह न केवल आराम से चल-फिर सकती है, बल्कि दौड़ भी लगा लेती है।

7 टिप्‍पणियां:

Dileepraaj Nagpal ने कहा…

Khushiyan Hon Ya Dard Kisi K HBhi Panv Nahi Hote...Panv To Man K Hote Hain, Jo Hame Enka Ehsaas Karwaate Hain...

sandeep sharma ने कहा…

तरुण,
तुम्हारी स्टोरी के जवाब में तुम्हारे ही ब्लॉग का एक उम्दा शे'र...

लगी है प्यास! चलो, रेत को निचोड़ा जाए
अपने हिस्से मे समंदर नहीं आने वाला...

Settu adlakha ने कहा…

http://www.jeevanjinekikala.blogspot.com/
just login.

Unknown ने कहा…

Khush rahna inhi sa sikh sakte hai

Unknown ने कहा…

Khush rahna inhi sa sikh sakte hai

Priya Chaudhary ने कहा…

👍👍

Priya Chaudhary ने कहा…

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